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अमूल्य समयका सदुपयोग पुस्तकाकार—मानव-जन्म अनन्त पुण्योंका परिणाम है। इसलिये समय रहते आत्मोद्धार करना ही मूल कर्तव्य है। यह पुस्तक भगवद्भावकी वृद्धि करनेवाले ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय श्रीजयदयाल गोयन्दकाके अनेक कल्याणकारी लेखोंका संकलन है।
Language: Hindi
Author: Shri Jayadayal Ji Goyendka
Devotion: None
Publisher: Geeta Press
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