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भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्ममें पुनर्जन्मका सिद्धान्त निॢववादरूपमें स्वीकार किया गया है। जीव अपने कर्मानुसार समय-समय पर विभिन्न योनियोंमें जन्म लेता है और सुख-दु:खका फल भोगता है। इस पुस्तकमें पुनर्जन्मके सिद्धान्त को पुष्ट करने वाली २४ सत्य घटनाओंका कथानकके रूपमें सुन्दर चित्रण किया गया है।
Language: Hindi
Author: Shri Jayadayal Ji Goyendka
Devotion: None
Publisher: Geeta Press
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